संजय गुप्ता, INDORE. पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाए जाने की खबर 30 अक्टूबर कई वॉट्सएप ग्रुपों पर चलती रही। बिना किसी आधार के चली इस खबर पर लोगों ने बधाइयां भी देना शुरू कर दिया था। महाजन के परिवार में लगातार फोन आने लगे। महाजन और उनके बेटों ने सभी को बताया कि उनके पास इस तरह की कोई खबर नहीं है और ना ही केंद्र से किसी तरह का फोन आया। इन खबरों से खुद महाजन भी चिंतित थी कि बिना किसी जानकारी के कहां से किस तरह यह खबरें चल गईं।
मुंबई से शुरु हुई खबर
जानकारों ने बताया कि यह खबर मुख्य रूप से मुंबई, महाराष्ट्र के ग्रुप से ही आई। वहां के वॉट्सएप ग्रुप पर यह न्यूज चली। मुंबई के अलावा न्यूज अन्य शहरों के वाट्सएप पर भी चली, इसके बाद न्यूज इंदौर के ग्रुपों पर आ गई। इसके बाद तो धड़ाधड़ कॉपी-पेस्ट का सिलसिला शुरू हो गया और महाजन के घर पर लगातार फोन पहुंचने लगे।
इसलिए हो रही चर्चा
दरअसल 29 जुलाई 2022 को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र में राजस्थान और गुजराती लोगों के समर्थन में बयान दिया था कि यह लोग नहीं हो तो मुंबई-पुणे से पूरा पैसा ही चला जाए और मुंबई आर्थिक राजधानी नहीं रहेगी। हालांकि बाद में उन्होंने इस पर खेद जताया था। लेकिन इस बयान को मराठी अस्मिता पर हमला मानकर कई राजनीतिक दलों ने विरोध जताया था। इसके चलते कोशियारी के कार्यकाल पूरा करने को लेकर लगातार वहां अटकलें चल रही हैं।
अभी साल 2024 तक है कोशियारी का कार्यकाल
अगस्त 2019 में कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल नियुक्त हुए थे, इस तरह से अभी उनका कार्यकाल अगस्त 2024 तक है। हालांकि राष्ट्रपति जब चाहे किसी भी राज्यपाल को हटा सकती हैं, या दूसरे राज्य का राज्यपाल बना सकती है।
ताई इसलिए हैं सुर्खियों में
ताई के रूप में पहचान रखने वाली महाजन बीते कुछ महीने से राजनीति में तेजी से सक्रिय हुई हैं। महाकल लोक के लोकार्पण के लिए इंदौर-उज्जैन आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एयरपोर्ट पर उनका विशेषकर हालचाल पूछा था। पीएम मोदी ने ही उन्हें अपने पहले कार्यकाल के दौरान स्पीकर जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए चुना था और इस दौरान उनके कार्यकाल की काफी सराहना हुई। हालांकि मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान वह राजनीतिक रूप से थोडा दूर ही रहीं, लेकिन जिस तरह से 2 महीने पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विशेष हैलीकॉप्टर भेजकर उन्हें भोपाल मिलने बुलाया और बंद कमरे में 45 मिनट बात की और इसके बाद जिस तरह से वह सक्रिय हुईं। इसके बाद वह लगातार चर्चाओं में हैं। महाजन पीएम मोदी की आगवानी में पहुंची, फिर दीपावली पर 79 साल की उम्र में भी छह घंटे तक इंदौर की सभी विधानसभाओं में जाकर मंदिरों की सफाई, रंगोली देखी, मेट्रो रूट को लेकर भी खुलकर मोर्चा खोला, यह सब उनकी सक्रियता को बताता है।